दिन ढल जाए हाए रातभी जाए,
छुट्टी ना आए उसकी याद सताए।
ऑफिस में मेरा सब दिन बीता,
बैठे हैं लैपटॉप थाम ।
ट्रेकर के मारे हाल हुआ ये,
बैठे हैं सिरको थाम ।
ट्रेकर बने पर ग्राफ ना बन पाए ।
ऐसी ही FD ऐसे ही चेंजिस,
ऐसी डिफेक्टकी बरसात।
दिन भर लड़ें हम कोड के साथ
और, HPQC के साथ।
काश ये फेज अब फिरसे न आए।
कट ओवर के कितने, पास हैं जितने,
गो लाइव से कितने दूर।
मैनेजर हमसे हम, लोड से परेशां,
दोनों हैं मजबूर ।
ऐसे में किसको कौन मनाए ।
छुट्टी ना आए उसकी याद सताए।
ऑफिस में मेरा सब दिन बीता,
बैठे हैं लैपटॉप थाम ।
ट्रेकर के मारे हाल हुआ ये,
बैठे हैं सिरको थाम ।
ट्रेकर बने पर ग्राफ ना बन पाए ।
ऐसी ही FD ऐसे ही चेंजिस,
ऐसी डिफेक्टकी बरसात।
दिन भर लड़ें हम कोड के साथ
और, HPQC के साथ।
काश ये फेज अब फिरसे न आए।
कट ओवर के कितने, पास हैं जितने,
गो लाइव से कितने दूर।
मैनेजर हमसे हम, लोड से परेशां,
दोनों हैं मजबूर ।
ऐसे में किसको कौन मनाए ।
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